राजभाषा के प्रचार-प्रसार के लिए भारत सरकार द्वारा निर्धारित प्रोत्साहन नीति के अंतर्गत संस्थान में हिंदी में काम करने वाले कर्मचारियों/अधिकारियों को प्रोत्साहित करने के लिए छमाही प्रोत्साहन योजना चलाई जाती है। इस प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत संस्थान का कार्य अधिकाधिक हिंदी में करने वाले कर्मचारियों/अधिकारियों को शामिल किया जाता है जिन्हें राशि रू.1000/- का नगद पुरस्कार देकर प्रोत्साहित करने का प्रावधान है। हिंदी कार्य अर्थात नोटिंग, ड्राफ्टिंग के अलावा जो व्यक्ति अपना कार्य हिंदी में करते हैं जैसे सेवा पुस्तिकाओं में इंदराज, चैक तथा बिल हिंदी में तैयार करना, डायरी डिस्पैच रजिस्टर में हिंदी का प्रयोग आदि शामिल किया जाता है। पुरस्कार के पात्र केवल वही कर्मचारी होते हैं जिनके मूल रूप से हिंदी में किए गए कार्य की मात्रा छमाही में कम से कम 10,000 शब्द (लगभग 50 पृष्ठ) होती है। सभी अहिंदी भाषी कर्मचारियों को हिंदी में कार्य के मामले में 50 प्रतिशत की छूट का भी प्रावधान किया गया है। हिंदी में किए गए कार्य की जांच संस्थान में गठित तीन सदस्यीय समिति द्वारा की जाती है।
संस्थान में राजभाषा के प्रचार-प्रसार के लक्ष्यों को शत-प्रतिशत पूरा करने के लिए निदेशक महोदय द्वारा वार्षिक प्रोत्साहन योजना (जनवरी-दिसम्बर) लागू करने का निर्णय लिया गया है। इस योजना के अंतर्गत संस्थान में उच्च अधिकारियों सहित सभी कर्मचारियों के लिए जो अपना समस्त राजकीय कार्य हिंदी में करते हैं उन्हें प्रोत्साहन के रूप में राशि रू.5,000/- देने का प्रावधान किया गया है। हिंदी में किए गए कार्य की जांच संस्थान में गठित तीन सदस्यीय समिति द्वारा की जाती है।