दिनांक 26 अक्तूबर 2020 को माननीय संसदीय राजभाषा समिति की तीसरी उप-समिति द्वारा संस्थान के संदर्भ में निरीक्षण किया गया। संस्थान की ओर से इस बैठक में निदेशक, आईआईएफटी ने भाग लिया। इस दौरान दिए गए आश्वासनों पर अनुपालनात्मक कार्रवाई की गई तथा निर्धारित अवधि में यह रिपोर्ट वाणिज्य मंत्रालय के माध्यम से समिति कार्यालय को भेजी गई।
दिनांक 28 मई 2019 को राजभाषा विभाग वाणिज्य मंत्रालय द्वारा संस्थान का राजभाषा हिंदी के प्रगामी प्रयोग संबंधी निरीक्षण किया गया। वाणिज्य मंत्रालय के राजभाषा विभाग से प्राप्त निरीक्षण संबंधी रिपोर्ट में राजभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार में किए गए अधिकांश कार्यों की सराहना की गई। इसके साथ ही रिपोर्ट में सुझाए गए बिंदुओं पर अनुवर्ती कार्रवाई की गई। उक्त अनुवर्ती कार्रवाई संबंधी रिपोर्ट वाणिज्य मंत्रालय सहित क्षेत्रीय कार्यान्वयन कार्यालय को भी प्रेषित की गई।
दिनांक 4 नवम्बर 2016 को क्षेत्रीय राजभाषा कार्यान्वयन कार्यालय राजभाषा विभाग गृह मंत्रालय से आए अधिकारियों ने संस्थान में राजभाषा कार्यों का निरीक्षण कियातथा उनके द्वारा भेजी गई निरीक्षण रिपोर्ट के अनुसार संस्थान में राजभाषा के कार्यान्वयन को निर्धारित मानकों के अनुसार पाया गया व सराहना की गई। इस संबंध में उतरोत्तर प्रचार-प्रसार के लिए दिए गए दिशा-निर्देशों का अनुपालन करते हुए अनुवर्ति कार्रवाई गई।
दिनांक 19 अक्तूबर 2016 को संसदीय राजभाषा समिति की तीसरी उप-समिति द्वारा संस्थान के संदर्भ में निरीक्षण किया गया। माननीय समिति सदस्यों ने संस्थान में राजभाषा के क्रियान्वयन की स्थिति संतोषजनक पाई। संस्थान की ओर से इस बैठक में निदेशक, आईआईएफटी ने भाग ने भाग लिया। इस दौरान दिए गए आश्वासनों पर अनुपालनात्मक कार्रवाई की गई और वाणिज्य मंत्रालय के माध्यम से संबंधित रिपोर्ट समिति कार्यालय भेजी गई।
दिनांक 20 अगस्त 2015 को संसदीय राजभाषा समिति की आलेख एवं साक्ष्य उपसमिति द्वारा संस्थान के संदर्भ में विचार विमर्श किया गया। माननीय समिति सदस्यों ने संस्थान में राजभाषा के क्रियान्वयन की स्थिति संतोषजनक पाई। संस्थान की ओर से इस बैठक में निदेशक, आईआईएफटी ने भाग लिया। इस दौरान बताई गई ध्यान देने योगय बातों पर अनुपालनात्मक कार्रवाई की गई।
मार्च 2015 को क्षेत्रीय राजभाषा कार्यान्वयन कार्यालय राजभाषा विभाग गृह मंत्रालय से आए अधिकारियों ने संस्थान में राजभाषा कार्यों का निरीक्षण किया। अधिकारियों द्वारा संस्थान में राजभाषा के कार्यान्वयन को निर्धारित मानकों के अनुसार पाया तथा सराहना की गई । निरीक्षण के दौरान अधिकारियों द्वारा राजभाषा हिंदी के अधिकाधिक प्रचार-प्रसार संबंधी दिए गए सभी सुझावों को पूरा किया गया ।
संस्थान में राजभाषा नियमों के अनुसार सेवाकालीन प्रशिक्षण के अंतर्गत हिंदी टंकण व हिंदी आशुलिपि के प्रशिक्षण के लिए शेष क्रमश: एक व दो सदस्यों द्वारा हिंदी टंकण व हिंदी आशुलिपि के ज्ञान के संबंध में स्व-घोषणा की गई। इस प्रकार हिंदी टंकण व हिंदी आशुलिपि का लक्ष्य शत प्रतिशत पूरा कर लिया गया है। इसी क्रम में हिंदी भाषा प्रशिक्षण के तहतकार्यसाधक ज्ञान प्राप्त सदस्यों में से अधिकांश संकाय सदस्य व वरिष्ठ अधिकारीगण हैं या हिंदीतर भाषी हैं, जिनकी आयु 50 वर्ष से अधिक है। इन सभी सदस्यों को स्वयं हिंदी भाषा में प्रवीणता प्राप्त करने हेतु राजभाषा विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध लीला सॉफ्टवेयर से अवगत कराया गया है।